विस चुनाव दूसरा चरण / भाजपा-झामुमो का बल बराबर, आगे निकलने की होड़

रांची (विनय चतुर्वेदी). चुनाव का दूसरा चरण अप्रत्याशित परिणाम देनेवाला हाेगा। 7 दिसंबर के मतदान की प्रकृति भिन्न होगी। पहले चरण में जहां पलामू की कई सीटों पर जातिगत आधार पर गोलबंदी का दृश्य दिखा, वहीं इस चरण में धर्मांतरित आदिवासी और सरना आदिवासी अपना वर्चस्व दिखाएंगे। काेलेबिरा, सिमडेगा, खूंटी, तोरपा आदि सीटों पर ईसाई मिशनरियों के प्रभाव की उम्मीद है। विधानसभा चुनाव-2014 के चश्मे से देखें तो दूसरे चरण में भाजपा और जेएमएम की शक्ति बराबर की है। इस चरण की 20 सीटों में से भाजपा के पास 8 सीटें हैं तो जेएमएम के पास भी 8 सीटें ही हैं। दोनों पार्टियों का लक्ष्य एक-दूसरे से आगे निकलना है। आजसू भी अपनी दोनों सीट बरकरार रखते हुए आगे निकलना चाहेगी।


भाजपा नेे 4 व झामुमो नेे 3 विधायक बदले


इस चरण में भाजपा ने अपने चार विधायकों के टिकट काटे हैं तो झामुमो ने तीन विधायकों को टिकट नहीं दी है। भाजपा विधायकों में शामिल लक्ष्मण टुडू, सरयू राय, गंगोत्री कुजूर और विमला प्रधान को सिंबल नहीं मिला। इसी प्रकार झामुमो ने भी कुणाल षाड़ंगी, शशिभूषण समाड और पौलुस सुरीन को टिकट नहीं दिया। कुणाल ने तो पहले ही झामुमो छोड़ कर भाजपा की सदस्यता ले ली थी, पर टिकट नहीं मिलने पर शशिभूषण सामड़ और पौलुस सुरीन पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ खड़े हो गए हैं।